सर्वार्थ सिद्धि योग, हस्त नक्षत्र और गर करण में मनेगा गंगा दशहरा का अद्भुत संयोग, ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है।
इस वर्ष गंगा दशहरा पर कई शुभ योग का संयोग बनने जा रहा है—
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त
गंगा दशहरा की दशमी तिथि की शुरुआत 4 जून को रात 11:53 बजे होगी। यह तिथि 5 जून को रात 2:12 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष गंगा दशहरा का पर्व 5 जून, 2025 को मनाया जाएगा।
दशहरा पर बन रहा है शुभ योग
ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा के अनुसार, वर्ष 2025 में गंगा दशहरा, जो 5 जून को है, कई शुभ योगों का निर्माण कर रहा है। इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग, हस्त नक्षत्र और सिद्ध योग के साथ ही तैतिल के साथ गर करण का संयोग जो कि अत्यंत शुभ माना जाता है। ब्रह्म पुराण व वाराह पुराण के अनुसार, ज्येष्ठ मास के दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में गर करण, वृष के सूर्य व कन्या के चन्द्रमा में गंगा धरती पर अवतीर्ण हुई थी।ज्योतिषाचार्य का कहना है कि गंगा दशहरा के दिन स्नान हमेशा शुभ समय में करना चाहिए, जिससे दोगुना फल प्राप्त होता है। पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन स्नान का शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त में, प्रातः काल 04 बजे से 07 बजे तक रहेगा, तब सिद्धि योग भी उपस्थित रहेगा।
इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है । गंगा दशहरा के अवसर पर गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को अनजाने में की गई गलतियों के लिए पश्चाताप से मुक्ति मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के दस मुख्य पापों से मुक्ति मिलती है, जो उसे पुण्य प्राप्ति में बाधक होते हैं। इन दस पापों में अहंकार, क्रोध, चोरी, व्यभिचार, झूठ, द्वेष, ब्रह्म हत्या, गो हत्या, मदिरापान और श्वान हत्या शामिल हैं।
गंगा दशहरा पर क्या करें?
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान के अलावा पूजा, जप, तप और दान का विशेष महत्व है।
यदि कोई व्यक्ति गंगा नदी में स्नान करने में असमर्थ है, तो वह किसी अन्य पवित्र नदी में गंगा मैय्या का ध्यान करते हुए स्नान कर सकता है। यदि यह भी संभव न हो, तो अपने घर में स्नान के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें और दोनों हाथ जोड़कर मन में गंगा मैय्या को प्रणाम करें।
राजेश कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य