उठो धरा के वीर सपूतों
अब कुछ तुम आन करो।
शास्त्र ज्ञान को छोड़के
अब तुम शस्त्र अभ्यास आरम्भ करो….
बन अर्जुन दुश्मन की पहचान करो….
और फिर उन पर वार करो…..
उठो धरा के……
धरती माँ भी चीत्कार करे,
हाय, कैसा दिन ये आया है।
आतंकवाद ने पहलगाम में,
फिर आतंक मचाया है।।
आतंकवाद ये जड़ से उखड़े,
ऐसा कोई तुम उपाय करो।
उठो धरा के…..
सरकार बहादुर है माना,
पर तुम भी फर्ज निभा जाना।
आतंकवाद को जड़ से उखाड़कर,
मिट्टी में मिला जाना…
उठो धरा के……
श्रद्धांजलि सच्ची यही होगी,
देशभक्ति भी यही होगी।
अहिंसा परम् धर्म है,
पर धर्म हिंसा तथैव च का,
तुम पाठ सभी को पढ़ा जाना।
उठो धरा के…….
आचार्य ललितेश्वरानंद महाराज
पीठाधीश्वर
श्री बालाजी दरबार बलदेव धाम
गुधनी, बिल्सी,बदायूं
उत्तर प्रदेश