रिपोर्ट (षट्वदन शंखधार)
मोहन कालौनी में शिक्षक सुभाष दुबे की स्मृति में काव्य संध्या का आयोजन उनके निज निवास पर किया गया|जिसमें मुख्य अतिथि रमन मिश्रा जिला पूर्ति अधिकारी रहे|विशिष्ट अतिथि रणंजय सिंह जेलर रहे और साथ ही जिला प्रचारक विशाल जी उपस्थिति रहें| पंडित सुभाष दुबे स्मृति सम्मान 2025 कवि जयवीर चंद्रवंशी को दिया गया|
कार्यक्रम की अध्यक्षता डां गीतम सिंह ने की और काव्य पाठ करते हुए कहा कि
आसमां नाराज हमसे और धरती है खफा
इसलिए वातावरण भी हो गया है वेवफा
कवि कामेश पाठक ने कहा
आदर्श शिक्षकों के गुण जिनके चांद सितारे गायेंगे
सुभाष दुबे जी युगों तक याद हमेशा आयेंगे
बिल्सी से पधारे विष्णु असावा ने पढ़ा
है परिवार आपका प्यारा और प्यार ही पलता है
एक कहे तो सबका ही पश्चिम से सूर्य निकलता है
कवि पवन शंखधार ने कहा कि
पिता रत्न की खान है पिता से बड़ा ना कोय
पिता की जो पूजा करें सदा सुखी वो होय
बिल्सी ओजस्वी जौहरी ने पढ़ा
अब जीवन में काले बादल घिरे हुए रहते हैं
दिनकर बन तुम इस जीवन के सारे तम हरते थे
उज्जवल वशिष्ठ बहुत सुंदर गीत पढ़ा
कुछ लोगों ने सीता पर भी झूठे दोष लगाए
प्रभु राम से स्वयं युद्ध को राम के बेटे आए
संचालन कवि षट्वदन शंखधार ने किया और कहा
शब्दों के पर्वत हरगिज ना ढहते है
हम कब यह इतिहास के पन्ने कहते हैं
काव्य पुत्र तो मरकर भी इस दुनिया में
गीत गजल छंदों में जिंदा रहते हैं
इसके अलावा जयवीर चंद्रवंशी ने पढ़ा
कि
धन- दौलत को जोड़कर, करते रहे फरेब।
रखा यहीं रह जाएगा, नहीं कफन में जेब।।
इस अवसर पर प्रदीप दुबे ने सभी कवियों का सम्मान किया |
कार्यक्रम में संदीप दुबे, हर्षवर्धन दुबे,राखी दुबे,विनय दुबे,रूपराम ,महाराज सिंह, दिलीप कुमार, रमेश चंद्र शंखधार आदि लोग मौजूद रहे|