बिल्सीः आज दिनांक- 12/05/2025 को बाबा इन्टरनेशनल स्कूल में मदर्स मीट कार्यक्रम का बड़े ही धूम धाम से आयोजन किया गया | कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय चेयरमैन नरेन्द्र बाबू वार्ष्णेय, मुख्य अतिथि रिपुदमन सिंह उपजिलाधिकारी बिल्सी, संजीव कुमार पुलिस क्षेत्राधिकारी बिल्सी, चेयरपर्सन कमलेश वार्ष्णेय, डायरेक्टर अनुज वार्ष्णेय एवं विद्यालय निदेशिका साधना वार्ष्णेय व विद्यालय प्रधानाचार्या रूपा माहेश्वरी ने दीप प्रज्जवलन तथा माँ सरस्वती की आराधना के साथ किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई। इसके बाद नन्हे मुन्ने बच्चों ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत गीत पर नृत्य किया। माताओं के सम्मान में “ तेरी ऊँगली पकड के चला, पास बुलाती है मुझको रुलाती है, तुझमे रब दिखता है , मुझे माफ़ करना ॐ साईं राम, लुका छिपी बहुत हुई ये तो सच है कि भगवान है, लोरी-लोरी चांदनी ” आदि गीतों पर बच्चों की प्रस्तुति ने खूब समां बाँधा।
उपजिलाधिकारी बिल्सी ने कहा कि बिन माँ के हमारा जीवन कुछ भी नहीं है। हम लोग बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारे पास माँ है। वह हमेशा हमें जीवन में एक अच्छा इंसान बनाना चाहती है। इसलिए हमें अपनी माँ का आदर करना चाहिए और उनके द्वारा बताये गये काम को सही ढंग से करना चाहिए।
पुलिस क्षेत्राधिकारी बिल्सी ने कहा कि एक बच्चे को जन्म देने से लेकर उसे एक अच्छा इंसान बनाने तक सभी पड़ावों में माँ अपने बच्चों के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाती है। ये केवल माँ ही है जो अपने बच्चे के चरित्र और पूरे जीवन को आकार देती है। समाज में माँ के ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है, जिन्होंने अकेले ही अपने बच्चों की जिम्मेदारी निभाई। मातृ दिवस सभी माताओं का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।
विद्यालय चेयरमैन नरेन्द्र बाबू वार्ष्णेय ने कहा कि सभी माँ अपने बच्चे की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। वह हर एक चीज का ध्यान रखती हैं जो उसके बच्चे की जरूरत हो। मातृ दिवस समाज में माताओं के प्रभाव व सम्मान का उत्सव है। मातृत्व की छाया में माँ न केवल अपने बच्चों को सहेजती है बल्कि आवश्यकता पडने पर उसका सहारा बन जाती है।
विद्यालय डायरेक्टर अनुज वार्ष्णेय ने कहा कि भगवान हर जगह हमारे साथ नहीं रह सकते इसलिए उन्होनें माँ के रूप में अपनी सबसे प्यारी छवि को हमारे पास भेजा है। इसलिए हमें हमेशा अपनी माँ को प्यार और सम्मान देना चाहिए तथा उनकी हर बात को मानना चाहिए।
विद्यालय निदेशिका साधना वार्ष्णेय ने मातृ दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मातृ दिवस हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। मातृ दिवस माँ के सम्मान का पर्व है। मातृ दिवस की शुरूआत पूरे धरती पर माँ के त्याग, बलिदान और अपनों के प्रति प्यार को ध्यान में रखते हुए माँ के सम्मान के त्यौहार के रूप में हुई।
प्रधानाचार्या रूपा माहेश्वरी ने बच्चों को अपनी माँ के परिश्रम और लगन की गाथा बताते हुए कहा कि ‘‘बागो में फूल बहुत हैं लेकिन गुलाब एक है, रिश्ते बहुत हैं लेकिन माँ सिर्फ एक है।‘‘ उन्होनें माँ द्वारा दी गई शिक्षाओं पर चलने के लिए, सदा सत्य बोलने, बड़ों का आदर करने व अन्य नैतिक मूल्यों पर चलने के लिए प्रेरित किया। और कहा कि धरती की तरह माँ भी अपने जीवन में बच्चों का सुरक्षा कवच बनती है। माँ की ममता को किसी परिभाषा में बांधना मुश्किल है। वह हमें शिष्टाचार, नैतिकता, इंसानियत और हमेशा दूसरों की मदद करना सिखाती है। इसलिए हमें हमेशा अपनी माँ का आदर करना चाहिए और हमें उनकी हर आज्ञा का पालन करना चाहिए।
