बक्सर जिले से एक ऐसी दिल छू लेने वाली कहानी सामने आई है जिसने हर देशवासी को गर्व से भर दिया है। जिले के एक नवविवाहित सैनिक को शादी के अगले ही दिन सेना से ड्यूटी का बुलावा मिला और उसने बिना कोई देर किए तुरंत जम्मू के लिए रवाना होने का फैसला लिया।
घर में अभी शादी की रस्मों की खुशबू फैली ही थी कि देश की पुकार आ गई। विदाई के वक्त पत्नी की आंखों में आंसू थे, लेकिन उन आंसुओं में गर्व की चमक थी। उसने मुस्कुराते हुए कहा,
“मुझे दुख नहीं, मेरे पति देश के लिए जा रहे हैं—मुझे उन पर गर्व है।”
जवान की मां भी भावुक होते हुए बोलीं,
“हमने बेटे को देश की सेवा के लिए पाला है। चाहे जितनी भी तकलीफ हो, देश पहले है।”
यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि उस भावना की मिसाल है जो हर भारतीय सैनिक और उसके परिजनों में होती है—जहां प्रेम, शादी और सपनों से बड़ा होता है कर्तव्य। जहां विदाई में आंसू होते हैं, लेकिन वो आंसू फर्ज़ की रोशनी में चमकते हैं।