सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की हालिया टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अदालत ने इसे “बेहद गैरजिम्मेदाराना” बताते हुए कहा कि यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय और उसके न्यायाधीशों की गरिमा पर आक्षेप लगाने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि सांसद की यह टिप्पणी संवैधानिक न्यायालयों की भूमिका और संविधान के तहत उन्हें सौंपे गए कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति गहरी अज्ञानता को उजागर करती है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे वक्तव्य न्यायपालिका की निष्पक्षता को नुकसान पहुंचा सकते हैं और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।