1:47 am Tuesday , 20 May 2025
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डॉ. वीरेन्द्र स्वरूप पब्लिक स्कूल,मे स्वर्गीय रागेन्द्र स्वरूप स्मृति दिवस का आयोजन

महानगर, 19 मई की शांत और भावुक सुबह, डॉ. वीरेन्द्र स्वरूप पब्लिक स्कूल, लखनऊ के प्रांगण में विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने एकत्र होकर स्मृति दिवस मनाया-एक ऐसा दिन जो समर्पित है उस महान आत्मा को, जिनकी दूरदर्शिता, नैतिक मूल्यों और शिक्षा के प्रति समर्पण ने इस संस्था की नींव को मजबूती प्रदान कीः श्री स्वर्गीय रागेन्द्र स्वरूप जी।
कार्यक्रम की शुरुआत इस विशेष दिन के महत्व को रेखांकित करते हुए एक गरिमामयी भूमिका के साथ हुई। इसके पश्चात वि‌द्यालय की प्रधानाचार्या नुपूरा कुलकर्णी द्वारा अत्यंत भावपूर्ण श्र‌द्धांजलि अर्पित की गई। उनके शब्दों में श्री रागेंद्र स्वरूप जी के जीवन के आदर्श उनकी निःस्वार्य सेवा, ईमानदारी और अटल संकल्प-सजीव हो उठे। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये मूल्य आज भी इस विद्यालय की आत्मा में जीवंत हैं।
इसके बाद कक्षा 10 की छात्रा अक्षया श्रीवास्तव ने हिंदी में एक संवेदनशील और प्रेरणादायक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने श्री रागेंद्र स्वरूप जी के जीवन, विचारों और योगदानों को अत्यंत सहजता और सच्चाई से प्रस्तुत किया। उनके शब्दों ने उपस्थित सभी जनों के हृदय को छू लिया।
कार्यक्रम का आध्यात्मिक पक्ष विद्यालय की विविधता में एकता की भावना को दर्शाते हुए एक बहुधार्मिक प्रार्थना सभा के रूप में संपन्न हुआ, जो श्री रागेंद्र स्वरूप जी की समावेशी सोच को समर्पित थी। इस क्रम में प्रस्तुत की गई प्रार्थनाएँ थी:
हिंदू प्रार्थना, जो श्री संजय गुप्ता ‌द्वारा, कक्षा 10 की वसुधरा और वीणा के साथ मिलकर प्रस्तुत की गई।
इस्लामिक आयत का पाठ, जो श्री कामिल रईस ने ओवैस (XII-A) और तालिब अली (XII-B) के साथ किया।
शिक्षकों द्वारा सामूहिक रूप से प्रस्तुत “इतनी शक्ति हमें देना दाता” प्रार्थना गीत, जिसमें आत्मबल और शांति की कामना की गई।
सिख प्रार्थना “एक ओंकार, जिसे श्रीमती प्रियंका श्रीवास्तव, कक्षा IX की राधिका, नंदिनी और कक्षा XII-A के हार्दिक मिश्रा ने मिलकर प्रस्तुत किया।
ईसाई धर्मग्रंथ से एक श्लोक, जिसे श्री अमित कुमार और कक्षा VIII के कनिक प्रताप सिंह ने साझा किया।
हर प्रार्थना ने अपने विशेष धार्मिक स्वरूप में, श्री रागेंद्र स्वरूप जी के जीवन में निहित समर्पण और सहिष्णुता की भावना को सजीव किया। यह क्षण मानो विभिन्न धाराओं की एक संगीतमयी संगति बन गया हो, जिसमें श्रद्धा, सौहार्द और एकता का मधुर भाव बहता रहा।
कार्यक्रम का समापन एक मौन पुष्पांजलि के साथ हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारी ने शांतिपूर्वक आगे बढ़कर पुष्प अर्पित किए प्रत्येक पुष्प, कृतजता, सम्मान और स्मृति का प्रतीक बन गया।
कार्यक्रम का समापन सुभाष मिश्रा ने श्री स्वरूप जी को उनके ‌द्वारा स्थापित किए गए शिक्षा संस्थानों तथा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए धन्यवाद देकर किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन इल्मा फरहत द्वारा किया गया।

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