पटना के PMCH में मनीष कश्यप के साथ मारपीट, डॉक्टरों पर गंभीर आरोप | बंधक बनाकर पीटने का आरोप, दोनों पक्षों में FIR
पटना, बिहार।
बिहार के चर्चित यूट्यूबर, पत्रकार और भाजपा नेता मनीष कश्यप एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला बेहद गंभीर है। मनीष कश्यप ने पटना के प्रतिष्ठित पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) के डॉक्टरों पर मारपीट करने और करीब तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, मनीष कश्यप मंगलवार को एक महिला मरीज के इलाज की सिफारिश लेकर PMCH पहुंचे थे। लेकिन अस्पताल परिसर में व्याप्त अव्यवस्थाओं को देख उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। मनीष का दावा है कि वहां मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल रहा था, डॉक्टरी व्यवस्था चरमराई हुई थी और जिम्मेदार लोग मौके पर मौजूद नहीं थे।
जब मनीष कश्यप ने अस्पताल के हालात को कैमरे में कैद करना शुरू किया, तो कुछ डॉक्टरों और स्टाफ ने इसका विरोध किया। बात बढ़ते-बढ़ते बहस में बदल गई और देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। आरोप है कि कई डॉक्टरों और सुरक्षाकर्मियों ने मनीष कश्यप को जबरन एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया, उनका मोबाइल फोन छीन लिया और करीब तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छुड़ाया
घटना की जानकारी मिलते ही पीरबहोर थाने की पुलिस तुरंत अस्पताल पहुंची और हालात को नियंत्रित किया। पुलिस ने मनीष कश्यप को कमरे से बाहर निकाला और प्राथमिक बयान दर्ज किया।
दोनों पक्षों ने दर्ज कराई FIR
इस घटना ने अब कानूनी रूप ले लिया है। मनीष कश्यप के समर्थकों की ओर से डॉक्टरों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरोप है कि मनीष के चेहरे और शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं, और यह हमला सुनियोजित तरीके से किया गया।
वहीं, डॉक्टरों की ओर से भी मनीष कश्यप के खिलाफ अस्पताल में अशांति फैलाने, वीडियो बनाकर डॉक्टरों को अपमानित करने और अव्यवस्था पैदा करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया गया है।
वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर मचा बवाल
मामले से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मनीष कश्यप अस्पताल में बहस करते और बाद में घायल अवस्था में दिख रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद जनता में रोष है, तो वहीं कई लोग डॉक्टरों के पक्ष में भी खड़े नजर आ रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
घटना के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। भाजपा नेताओं ने इसे लोकतंत्र और पत्रकारिता पर हमला बताया है। वहीं विपक्षी दलों ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
PMCH प्रशासन की चुप्पी
इस पूरे मामले पर अब तक PMCH प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, अंदरखाने से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रशासन आंतरिक जांच कर रहा है और CCTV फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।
क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ?
कानूनी जानकारों का मानना है कि यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो डॉक्टरों पर गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है। वहीं, अस्पताल में वीडियो बनाना और डॉक्टरों को बाधित करना भी कानूनन विवाद का विषय है।