एचपी इंटरनेशनल स्कूल के “सनशाइन रीसैस – समर कैंप 2025” के तीसरे दिन नन्हे बच्चों की प्रतिभा ने बटोरी वाहवाही
एचपी इंटरनेशनल स्कूल, बदायूं में चल रहे “सनशाइन रीसैस – समर कैंप 2025” के तीसरे दिन का माहौल कुछ खास था। स्कूल का परिसर एक ऐसे उत्सव स्थल में तब्दील हो गया जहाँ हर कोना बच्चों की हँसी, रचनात्मकता और नयी सीख से गूंज उठा। विशेष रूप से किंडरगार्टन विंग के नन्हें-मुन्नों ने जब “नो फायर फूड” और “नो फ्लेम फिएस्टा” में अपनी कलात्मक प्रस्तुतियाँ दीं, तो हर आँख में खुशी और हर चेहरे पर गर्व नजर आया।
बच्चों ने बिना आग के पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन तैयार कर ये साबित कर दिया कि उम्र भले ही छोटी हो, पर कल्पनाओं की उड़ान बड़ी होती है। रंग-बिरंगे सलाद, फलों से बने फूड आर्ट्स और स्वाद की खूबसूरती में सजी प्लेटों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसी क्रम में टेबल मैनर्स की गतिविधि ने बच्चों को शिष्टाचार की बुनियादी बातों से अवगत कराया। जिस सलीके और आत्मविश्वास से बच्चों ने खाने की शिष्टता सीखी, वह उनके उज्जवल भविष्य की एक झलक थी। पॉटरी मेकिंग में जब नन्हें हाथों ने मिट्टी को भावनाओं का आकार दिया, तो वहाँ उपस्थित हर छात्र उस कलात्मक छुअन से भावविभोर हो गया।
हॉर्स राइडिंग के दौरान बच्चों के चेहरे पर रोमांच और हौसले की चमक थी। उनके लिए यह सिर्फ घोड़े की सवारी नहीं, बल्कि आत्मविश्वास की सवारी थी। क्ले मॉडलिंग, इंटीरियर डिजाइन एक्टिविटी और डांसिंग सेशन जैसे रचनात्मक अनुभवों ने बच्चों की कल्पनाशक्ति को नए पंख दिए।
दिन की सबसे रोमांचकारी गतिविधि “कॉमांडो ट्रेनिंग” रही। जब छोटे-छोटे बच्चे बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़े, तो उनके भीतर छिपे साहस, धैर्य और अनुशासन ने सबको चौंका दिया। उन्होंने दिखाया कि उम्र मायने नहीं रखती, अगर हौसला मजबूत हो।
प्रबंध निदेशक श्री शिवम पटेल ने इस अवसर पर कहा कि “हमारा लक्ष्य बच्चों को केवल परीक्षाओं के लिए नहीं, जीवन के हर मोर्चे के लिए तैयार करना है। जब हमने बच्चों को बिना किसी डर के आगे बढ़ते देखा, तो यह स्पष्ट हो गया कि शिक्षा अब सीमाओं से परे जा चुकी है। यह समर कैंप बच्चों की पहचान को निखारने का माध्यम है—जहाँ वे खुद को खोजते हैं, संवारते हैं।”
स्कूल निदेशिका श्रीमती सेजल पटेल ने गर्व के साथ कहा कि “हर बच्चे की आँखों में चमक और चेहरे पर आत्मविश्वास देखकर हमें विश्वास हो गया कि सही मार्गदर्शन से कुछ भी असंभव नहीं है। हमारी कोशिश यही है कि हर बच्चा सीखते हुए मुस्कुराए और मुस्कुराते हुए सीखे। यही एचपी इंटरनेशनल स्कूल की पहचान है।”
प्रधानाचार्य श्री संदीप पांडे ने भावुक होकर कहा कि “‘सनशाइन रीसैस 2025’ हमारे लिए एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बच्चों के सपनों का उत्सव है। जब एक बच्चा अपने डर को पीछे छोड़कर पहली बार घोड़े पर बैठता है या जब वह पहली बार मंच पर नृत्य करता है—तो वही क्षण हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि बन जाते हैं। हम शिक्षा को किताबों से निकालकर जिंदगी से जोड़ रहे हैं।”
